हमारे देश में बेटिंयों को बोझ समझा जाता है लेकिन इस देश की बेटिंया ही देश का नाम रोशन कर रहीं हैं। बेटियों को खेलों से दूर रखा जाता है,क्योंकि वो तो शादी के बाद दूसरे घर जाएगी। इस सोच को बदला इस देश की बेटियों ने। ओलम्पिक जैसे खेलों में पदक जीतकर न सिर्फ बेटियों ने देश का नाम रोशन किया बल्कि ये भी बताया कि अगर एक मौका दिया जाए तो कुछ भी नामुमकिन नहीं।
तीन बच्चों को जन्म देने के बाद कोई कितना ज़िद्दी हो सकता है? लेकिन इस ‘मेग्नीफिसेंट मैरी’ ने ऐसी ज़िद की वो बॉक्सिंग रिंग में लड़ने पहुंच गई। ऐसी ज़िद!
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यह खिलाड़ी 35 साल की उम्र में 22 साल की खिलाड़ी के साथ रिंग में लड़ने पहुंच गई। उम्र सिर्फ एक नंबर होता है, कुछ करने का जज्बा हो तो कभी भी कर सकते है। ऐसी ही कहानी है ‘मेग्नीफिसेंट मैरी’ की। आपने फिल्म मैरी कॉम तो देखी होगी। लेकिन आज जानिए ऐसी कहानी जो आपको बताएगी कि कैसे एक पति अपनी पत्नी के सपनों के लिए जीता है। उसके साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलता है और दोनों के बीच प्रेम, सम्मान और भरोसा कम नहीं होता। विश्व बॉक्सिंग चैंपियनशिप में 6 गोल्ड मेडल अपने नाम करने वाली मेरी कॉम ज़िद्दी हैं लेकिन उनके पति के.ऑनलर कॉम उनसे भी ज्यादा ज़िद्दी हैं। वो अपनी बीवी का हौसला कभी टूटने नहीं देते।
उन्हें यूँ ही आइरन लेडी नहीं कहा जाता। मैरी बॉक्सिंग रिंग के अंदर जितना जुझारू हैं, असल ज़िंदगी की मुश्किलों का भी उन्होंने डट कर सामना किया है। मैरी कॉम 6 बार विश्व चैम्पियन रह चुकी हैं और बॉक्सिंग में ओलंपिक पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं। एक गरीब परिवार में जन्मी मैरी के परिवार वाले नहीं चाहते थे कि वो बॉक्सिंग करे। लेकिन मैरी ने घर वालों से छिपकर खेलना शुरु किया। काफ़ी समय तक वो छिप-छिप कर खेलती रही। फिर मैरी की ज़िद के आगे उनके मां बाबा को ही झुकना पड़ा।
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मैरी और उनके पति की मुलाकात दोस्ती से हुई। ये दोंनों दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में हुई। मैरी उस समय नेशनल गेम्स की तैयारी कर रहीं थीं तो ऑनलर शिलॉन्ग से ग्रैजुएशन की पढ़ाई कर दिल्ली में नौकरी की तलाश में आए थे। लेकिन उसी समय वो भी फ़ुटबॉल खेलने आया करते थे और उसी दौरान दोनों का मिलना शुरु हुआ। शुरुआत से ही दोंनों के बीच अच्छी तालमेल बैठ गई थी और दोनों एक दूसरे को समझने लगे थे।
मैरी ने ज़्यादा समय न लेते हुए दो साल में ही रिश्ते को मज़बूत कर लिया था और शादी करने का फ़ैसला किया। लेकिन इस शादी से कोई भी खुश नहीं था ना लड़की वाले ना लड़के वाले। सबको डर था की मैरी शादी के बाद बॉक्सिंग छोड़ देगीं और अपने करियर पर ध्यान नहीं देगी। लेकिन सभी की बाते और तानों को अलग कर मैरी कॉम और ऑनलर ने शादी करने की ठान ली और फिर 2005 में शादी के बंधन में बंध गए।