नई दिल्ली। बॉलीवुड का नशा जब भी किसी पर चढ़ता है तो उतरने का नाम नहीं लेता। ऐसा लगता है उनकी जिंदगी बॉलीवुड, उनका खाना बॉलीवुड उनकी हर चीज बस बॉलीवुड। जबरा फैन तो बनकर ऐसे दिखाते हैं कि जैसे शाहरूख उन्हें रोज अपने यहां नाश्ते पर बुलाते हों।
रोमांस, थ्रिलर और एक्शन देखना हम सबको पसंद है। लेकिन आजकल इनको कम और स्पोर्टस को ज्यादा बढ़ावा दिया जा रहा है। किसी भी फिल्म स्टार को देखो वो एक ही बात दोहराता दिखाई देता है। हमारी इच्छा है कि हम उस स्पोर्टस पर्सन का किरदार निभाए। अरे भईया स्पोर्टस पर्सन है कोई खिलौना नहीं जो हर दुकान पर मिल जाएगा। पर सबको मिल्खा सिंह और मेरी कॉम बनना है।
भाग मिल्खा भाग- भागे लोग सिनेमा घरों की ओर
मिल्खा सिंह नाम तो सुना ही होगा। अरे वही मिल्खा सिंह जिसे उड़न सिख के नाम से भी लोग बुलाते हैं। भाग-मिल्खा-भाग है फिल्म का नाम… लेकिन आपको पता है कि इस शब्द के पीछे का राज। दरअसल ये आखिरी शब्द थे उस तेरह वर्षीय लड़के के पिता के, जिन्होंने मरने के पहले बोले थे। उसके बाद उस लड़के ने ऐसी दौड़ लगाई कि दुनिया के कई देशों में सफलता के झंडे गाड़ दिए। भारत का नाम ऊंचा कर दिया। उनके इस कारनामे को लेकर ही राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने ‘भाग मिल्खा भाग’ नामक फिल्म बनाई है। इस फिल्म में उनकी जिंदगी से जुड़े सारे अहम पल को दिखाया गया हैं, उनके संर्घष को, उनकी मेहनत और विश्वास को दिखाया गया है। राकेश ओमप्रकाश मेहरा ने लगातार फ्लेश बैक का उपयोग कर घटनाओं को पेश किया था।
फरहान अख्तर ने इस फिल्म में मिल्खा का किरदार काफी अच्छे से निभाया। उन्होंने अपने किरदार को घोलकर पी लिया। फिल्म शुरू होने के चंद सेकंड बाद ही आप भूल जाते हैं कि आप फरहान को देख रहे हैं, ऐसा लगता है कि मिल्खा सिंह सामने खड़ा है। उन्होंने अपने शरीर पर जो मेहनत की है वो लाजवाब है। उनका एक-एक मसल्स बोलता है।
चक दे इंडिया से रंग गया इंडिया
चक दे इंडिया शिमित अमीन की ये फिल्म वूमन हॉकी पर बनाई गई। जिसमें ये दिखाया गया है कि समाज लड़कियों को जितना कमजोर समझता है वो इतनी भी कमजोर नहीं होती है। साथ ही साथ इस फिल्म में वूमन हॉकी को भी बढ़ावा दिया गया है। फिल्म में हर चीज पर बहुत बारीकी से काम किया गया है। कहानी काफी अच्छी है जब चाहे आप तब इस मूवी को देख सकते हैं। मूवी के केंद्रीय कलाकार कबीर खान की कहानी बहुचर्चित हॉकी खिलाडी मीर रंजन नेगी की कहानी पर आधारित बताई जाती है।
एम.एस. धोनी द अनटोल्ड स्टोरी ने सुनाई स्टोरी
धोनी कूल कैप्टन ऑफ इंडियन क्रिकेट टीम या कहे पूर्व कप्तान एम.एस. धोनी जिनके चौके-छक्को ने लोगों को दिवाना बना लिया था। उनकी इसी दिवानगी जो बरकरार रखने के लिए नीरज पांडे ने धोनी के जीवन पर एक बायोपिक बना डाली जिसको लोगों ने काफी पसंद किया। इस फिल्म में धोनी के किरदार में नजर आए सुशांत सिंह राजपुत।
मैरी कॉम के मुक्के और मुक्केबाज़ी खेल
मैरी कॉम का नाम आते ही मुक्का याद आ जाता है। आए भी क्यों नहीं आखिर वो मुक्केबाजी की दुनिया की क्वीन जो है। उनकी एक बात है जो हमेशा याद आती है जिंदगी में हम सभी कुछ भी कभी भी पा सकते हैं लेकिन सिर्फ एक चीज जो हमें काफी कुछ हासिल करने से रोक देती है वो है डर और जो डर से जीत जाता है वही कहलाता है सच्चा फाइटर। इसी क्वीन की कहानी को पर्दे पर उतारा उमंग कुमार ने, उन्होंने इसमें उनका संर्घष और मेहनत दोनों का बाखूबी दिखाया है। फिल्म में मैरी कॉम के किरदार को प्रियंका को चुना गया। जो फिल्मी दुनिया की मैरी कॉम है, और उन्होंने इस किरदार को काफी अच्छे से निभाया।
सचिन: अ बिलियन ड्रीम्स- क्रिकेट के भगवान और भगवान का क्रिकेट
क्रिकेट के भगवान और लोगों की जान सचिन तेंदुलकर को लोगों ने हमेशा मैदान पर देखा था लेकिन जब उन्होंने उनकी जीवन गाथा को पर्दे पर देखा तो उनकी आंखों नें खुशी दिखाई दी। आंखें नम थी और होठो पर मुस्कान थी। कहानी में किसी भी बॉलीवुड एक्टर ने काम नहीं किया है। इसे एक फीचर फिल्म की तरह तैयार किया गया था। जिसको गानों और उसके डॉयलाग से सजाया गया था।