नमस्कार! आज के इस आर्टिकल में हम लेकर आए हैं भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी के बारे में जानकारी। बता दें कि भारत में ऐसे बहुत सारे एथलेटिक्स खिलाड़ी रहे हैं जिन्होंने संसार भर में खूब नाम कमाया है और भारत का भी नाम ऊंचा किया है। आज के इस आर्टिकल में हम आपको बताएंगे भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी।
पीटी उषा (100 और 200 मीटर)
भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी में से एक है पीटी ऊषा। जानकारी के लिए बता दें कि उनका जन्म भारत के केरल में हुआ था। यह भारत की एक बहुत ही उत्कृष्ट एथलीट महिला खिलाड़ी हैं जिन्होंने 1980 के दशक में ट्रैक एंड फील्ड इवेंट्स में अपना दबदबा बनाए रखा था और इसी कारण इनको क्वीन ऑफ ट्रैक एंड फील्ड के नाम से भी जाना जाता है। यहां आपको यह भी बता दें कि पीटी ऊषा ने 1982 में एशियाई खेलों में हिस्सा लिया था जिसमें उन्होंने 100 मीटर और 200 मीटर दौड़ में रजत पदक जीतने के साथ साथ दर्शकों का भी दिल जीत लिया था।
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उसके बाद उन्होंने कभी मुड़ कर पीछे नहीं देखा और फिर 1985 में जकार्ता में एशियाई चैंपियनशिप में पीटी उषा ने 5 दिनों के अंतराल में 5 स्वर्ण पदक के अलावा एक कांस्य पदक भी जीता था। इतनी बड़ी जीत ने उन्हें बुलंदियों पर पहुंचा दिया था। बाद में फिर 1981 में सियोल में एशियन गेम्स का आयोजन हुआ तो उसमें उन्होंने चार स्वर्ण पदक जीतने के साथ-साथ एक रजत पदक भी जीता था।
इसके अलावा बता दें कि उन्होंने 1989 में एशियाई चैंपियनशिप में व 1990 एशियन गेम्स में 4 स्वर्ण पदक और 5 सिल्वर पदक पर भी कब्जा जमाया था। उसके बाद उन्होंने शादी के कारण सन्यास लेने की घोषणा की परंतु उन्होंने फिर से एक बार वापसी की जिसमें उन्होंने 1994 एशियन गेम्स में रजत पदक जीता और 1999 में एशियन चैंपियनशिप में भी विजेता रही।
इसके अलावा भारत सरकार ने भी उनके उत्कृष्ट खेल के कारण अर्जुन पुरस्कार और पदम श्री जैसे खिताबों से भी सम्मानित किया है।
मिल्खा सिंह (200 और 400 मीटर)
भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी में से एक है मिल्खा सिंह। यहां आपकी जानकारी के लिए बता दें कि मिल्खा सिंह ने सालों तक ट्रेक एंड फील्ड इवेंट में अपना दबदबा बनाए रखा था और उस पर उन्होंने राज किया है। यहां बता दें कि उनका जन्म एक सिक्ख परिवार में हुआ था और शुरू से ही उनको खेलों से बहुत लगाव था। हालांकि शुरुआत में उन्हें असफलता ही मिली थी क्योंकि 1956 में मेलबर्न में हुए ओलंपिक खेलों में वह विफल हो गए थे।
परंतु उन्होंने 1958 में पूरी दुनिया को दिखा दिया कि वह काफी प्रतिभाशाली हैं और अपने उत्कृष्ट प्रदर्शन के कारण ही उन्होंने एशियाई खेलों में और राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक अपने नाम किए। बता दें कि उनके इस शानदार कामयाबी के कारण उन्हें उसी साल पदम श्री अवार्ड से भी सम्मानित किया गया था। साथ ही यह जानकारी भी दे दें कि यह एकमात्र ऐसे भारतीय पुरुष हैं जिनके नाम कॉमनवेल्थ गेम्स में पहला पदक जीतने का श्रेय है।
1960 में रोम में आयोजित समर ओलंपिक में उन्होंने भाग लिया था और 400 मीटर की दौड़ में चौथा स्थान प्राप्त किया था और उनका यह रिकॉर्ड 40 सालों तक बना रहा था। इसके अलावा 1964 में उन्होंने एशियाई गेम्स और रिले प्रतिस्पर्धा में स्वर्ण पदक जीते थे। उसी साल यानी 1964 में उन्होंने कोलकाता नेशनल गेम्स में भी स्वर्ण पदक जीता था।
अंजू बॉबी जॉर्ज (लंबी कूद)
भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी में से एक है अंजू बॉबी जॉर्ज। बता दें कि उनका जन्म 19 अप्रैल 1977 को केरल में हुआ था और उन्होंने हेप्टाथलान से शुरुआत की थी पर बाद में उन्होंने कूद प्रतियोगिताओं की तरफ ध्यान केंद्रित किया। जिसके चलते 1996 में उन्होंने दिल्ली जूनियर एशियन चैंपियनशिप में लंबी कूद का खिताब अपने नाम किया।
इसके अलावा उन्होंने 1999 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। यहां बता दें कि यह विश्व एथलेटिक्स में पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला हैं जिन्होंने साल 2003 में पेरिस में आयोजित हुए विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में कांस्य पदक पहली बार पर अपना कब्जा किया था। भारत सरकार ने भी उनके शानदार खेल के कारण उन्हें राजीव गांधी खेल रत्न से भी सम्मानित किया है।
विकास गौड़ा (डिस्कस थ्रो)
भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी में से एक है विकास गौड़ा। बता दें कि यह भारत के सबसे सफल डिस्कस थ्रोअर हैं जिन्होंने भारत का नाम खूब रोशन किया है। जानकारी के लिए बता दें कि इनका जन्म 5 जुलाई 1983 को मैसूर में हुआ था। उन्होंने पहली बार 2005 में एशियाई चैंपियनशिप में रजत पदक जीता था। 2006 में एनसीएए डिस्कस थ्रो चैंपियन बनें जिसके कारण यह विश्व भर में काफी प्रसिद्ध हुए।
यहां यह जानकारी भी दे दें कि उन्होंने 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में भाग लिया जहां पर उन्होंने रजत पदक जीता था। इसी प्रकार 2011 में भी एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में भी उन्होंने रजत पदक अपने नाम किया था। उन्होंने 2013 के एशियाई एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने में सफलता प्राप्त की थी। उसके बाद उन्होंने फिर 2014 में कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर पदक जीतने में कामयाबी हासिल की। भारत सरकार ने भी उनके बेहतरीन खेल के कारण पदम श्री अवार्ड से इन्हें सम्मानित किया है।
गिरीश नागराजेगौड़ा (पैरा-एथलेटिक्स)
भारत के सबसे अच्छे एथलेटिक्स खिलाड़ी में से एक है गिरीश होसानगरा नागराजेगौड़ा। बता दें कि इनका जन्म 26 जनवरी 1988 को कर्नाटक में हुआ था। उनके एक पैर में थोड़ी दिक्कत थी लेकिन उन्होंने अपने सपनों के सामने अपनी उस कमी को कभी आड़े नहीं आने दिया। यहां बता दें कि इन्होंने भारत के लिए लंदन पैरा ओलंपिक में 2012 में पहला रजत पदक जीता था।
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हालांकि इनके पैर में समस्या थी परंतु इन्होंने ऊंची कूद जैसे खेलों में अपना एक विशेष स्थान बनाया और पैरालिम्पिक खेलों में पदक जीतने वाले यह आठवें भारतीय एथलीट हैं। साथ ही बता दें कि भारत सरकार ने 2013 में इनको पदम श्री अवार्ड से भी सम्मानित किया था।
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— SportsCrunch (@SportsCrunch) July 15, 2020
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