रन मशीन के बल्ले का जादू तो हर मैच में देखने को मिलता है। लेकिन इस बाहुबली ने अपने दम पर भारतीय टीम को बहुत से मैच जिताए हैं। तो आइए एक नजर इस रन मशीन के बल्ले से निकले रनों की बदौलत जीते मैचों पर डालते हैं…
(साल 2013) 100 रन 52 बॉल- विरुद्ध ऑस्ट्रेलिया

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साल था २०१३ और फॉर्मेट था वनडे का, प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया, 2013 में ऑस्ट्रेलिया के साथ खेले गए वनडे मैच में भारतीय टीम के शेर कप्तान कोहली ने अपनी जबरदस्त पारी खेलकर कंगारुओं को बताया कि भारतीय टीम के रणबांकुरों के आगे टिकना नामुमकिन हैं।
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लगता था जैसे मानसून का मौसम हो, और वो भी ऐसा वैसा नहीं- रनों की बरसात हो रही हो। चौके छक्के और निराश कंगारू खिलाड़ी- बस यही दिखता था टीवी स्क्रीन पर। आपको कैसा लगा था ये रनों की आंधी देखकर, जो कंगारुओं को हार की ओर उड़ा कर ले गयी थी?
(साल 2016) 51 गेंद पर 82 रन:

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साल था २०१६ और फॉर्मेट था टी20, प्रतिद्वंदी ऑस्ट्रेलिया।
टी20 क्रिकेट में विराट का एक नया और विकराल रूप देखने को मिलता रहा है, ये और बात है कि दिल्ली का ये रन-धीश बड़े से बड़े और छोटे से छोटे क्रिकेट की प्रारूप में प्रतिद्वंदी टीमों को नाच नचाने में माहिर हैं। विराट ने 2016 आईसीसी वर्ल्ड टी20 में भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच खेले गए मैच में आखिरी तीन ओवर में चौके और छक्के लगाकर टीम के लिए विश्व कप के सेमीफाइनल की राह खोल दी थी।
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भारत के इस महाबली ने उस समय अपने बल्ले से रनों की बरसात की जब भारत को कंगारू से जीत के लिए 18 गेंदो पर 39 रन चाहिए थे। क्या आपने देखा था कि कैसे कोहली-तूफ़ान ने कंगारुओं को मटियामेट किया था?
(साल 2012) 148 गेंद पर 183 रन

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विराट तूफ़ान से चिर प्रतिद्वंदी पाकिस्तान भी अछूता नहीं रहा। साल था २०१२ और वक़्त था एशिया कप का।
2012 में खेले गए इस एशिया कप के समय विराट कोहली ने अपना सबसे बड़ा वनडे स्कोर बनाया था। उस समय भारत ने अपने पहले मैच में श्रीलंका को हराया था। लेकिन भारतीय टीम को बांग्लादेश के ख़िलाफ़ हार की शर्मिंदगी मिली। नतीज़ा फाइनल खेलने के लिए भारत को अपने आख़िरी लीग मुकाबले में पाकिस्तान को हराने की जरूरत थी।
पाकिस्तान ने टॉस जीतकर बल्लेबाजी का फैसला किया और भारत के सामने 330 रन का विशालकाय लक्ष्य रखा। पाकिस्तानी जांबाज़ों ने यहीं पर अपनी जीत मान ली होगी, पर क्रिकेट का खेल और विराट बल्ला दुनिया के सारे भ्रम दूर कर देता है।
हुआ भी वही, पाकिस्तान हारा और ऐसा हारा कि पाकिस्तानी टीम के सारे मुग़ालते दूर हो गए, अपनी गेंदबाज़ी और भारत की बल्लेबाज़ी के बारे में। पिच के शहंशाह कोहली ने हिटमैन रोहित शर्मा के साथ 172 रनों की साझेदारी की और कोहली ने अपने बल्ले से केवल 148 गेंदों में 183 रन की पारी के साथ टीम को जीत दिलाई। क्या आपने ये मैच और पाकिस्तानी गेंदबाज़ों की पिटाई देखी थी?
(साल 2012) 86 गेंद पर 133 रन

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साल था २०१२, प्रतिद्वंदी श्रीलंका- विराट कोहली ने श्रीलंका के खिलाफ ही अपना पहला शतक लगाया था। और तो और विराट महाबली ने इन पड़ोसियों के खिलाफ 8 शतक लगाए हैं, जो किसी भी विपक्षी के खिलाफ सबसे अधिक रन हैं।
2012 में भारत और श्रीलंका के बीच खेले गए मैच में तिलकरत्ने दिलशान और कुमार संगकारा की शतकीय पारियों की बदौलत श्रीलंका ने टीम इंडिया के सामने 50 ओवरों में 320 रनों का लक्ष्य रखा।
भारत के लिए स्थिति इससे भी बुरी थी- फाइनल खेलने के लिए भारत को ये मैच ना सिर्फ जीतना था बल्कि ये लक्ष्य 40 ओवरों में भेदना था। वरना इस त्रिकोणीय श्रृंखला के फाइनल में श्रीलंका और ऑस्ट्रेलिया खेलते। ऑस्ट्रेलिया अंकों और श्रृंखला में ज़्यादा जीत की वज़ह से फ़ाइनल में पहुँच चुका था।
वक़्त हो रनों की बरसात का तो विराट बल्ला बरसता भी है और गेंदबाज़ विकेट को तरसता भी है। रन मशीन विराट कोहली की मशीन चालू हुई और रन निकलने शुरू हो गए। विराट ने 86 बॉल खेलकर 133 रन बनाए और टीम 36.4 ओवर में ही जीत गई । क्या आपने देखी थी गेंदबाज़ों की ऐसी कुटाई जो इस मैच में हुई थी?