नई दिल्ली। क्रिकेट का खुमार सिर्फ मैदान तक नहीं रहा बल्कि बॉलीवुड पर भी इसका नशा चढ़ा हुआ है। बॉलीवुड में कई ऐसी मूवी है जो क्रिकेट पर बनाई गई है। यहां तक की बॉलीवुड की कई एक्ट्रेस ने क्रिकेटर्स के साथ शादी भी रचाई है। अनुष्का-विराट, हेजल-युवराज और भी क्रिकेटर हैं जिन्होंने एक्ट्रेस को अपना जीवन साथी चुना है।
क्रिकेट पर बनी कुछ फिल्में
अवल नंबर (1990)
बॉलीवुड की क्रिकेट फिल्म अवल नंबर जिसे देव आनंद ने डायरेक्ट किया। साथ ही साथ इस फिल्म में एक अभिनेता के तौर पर विक्रम सिंह उर्फ विकी – एक पूर्व टेस्ट क्रिकेट खिलाड़ी, चयनकर्ताओं के राष्ट्रीय अध्यक्ष और साथ ही उप महाप्रबंधक जनरल पुलिस का किरदार निभाया। फिल्म का नाम जितना इंटरेस्टिंग है उतनी ही इंटरेस्टिंग फिल्म की कहानी।
कहानी क्रिकेट के चारों ओर घूमती है जहां एक अन्य स्टार सनी (आमिर खान) को एक और प्रसिद्ध स्टार रॉनी (आदित्य पंचोली) के स्थान पर टीम में शामिल किया गया है। यह सब सनी के खिलाफ रोनी के दिल में नफरत पैदा करता है, हालांकि सनी उसका सम्मान करता है। रॉनी सनी से बदला लेने का फैसला करता है, इस बीच एक आतंकवादी उस क्षेत्र में एक बम लगाने का फैसला करता है जहां भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच एक मैच आयोजित है।
डीआईजी विक्रम सिंह (देव आनंद) आतंकवादियों की योजना के बारे में जानते हैं और हमले को रोकने, हजारों लोगों की जान बचाने के लिए आगे बढ़ते हैं और इस हमले को रोक लेते हैं। देश के लिए मैच जीतने वाले स्ट्रोक खेलकर सनी भी स्टार बन जाती है।
लगान (2001)
लगान बॉलीवुड में क्रिकेट फिल्मों की एक ऐसी पेशकश जिसे शायद ही आप कभी भूल सकें। यदि आप क्रिकेट और देशभक्ति को मिलाते हैं तो इसका मिक्सचर बनकर नकलती है फिल्म लगान। जिसमें बॉलीवुड के परफेक्निस्ट आमिर खान ने काफी जोरदार काम किया है।
1893 में ब्रिटिश राज के दौरान गुजरात राज्य के छोटे शहर चंपानेर छावनी के कमांडिंग अधिकारी कप्तान एंड्रयू रसेल ने लोगों पर उच्च कर लगान लगाया, लेकिन लंबे समय सूखे की वजह से स्थानीय गांव वाले वो लगान नहीं चुका पाए। कहानी में ट्विस्ट तब आता है जब ब्रिटिश अधिकारी मैच का मजाक उड़ने के बाद पूरे प्रांत को तीन गुना लगान चुकाने की पेशकश करते हैं जिसके कारण गांववालों की मुश्किले और बढ़ जाती हैं। ब्रिटिश गांववालों के सामने एक शर्त रखते हैं तीन गुना लगान चुकाओं या फिर हमें मैच में हराओ।
भुवन मैच के लिए ग्रामीणों को तैयार करना शुरू कर देता है। वह शुरुआत में टीम में शामिल होने के लिए तैयार केवल पांच लोग पाता है। उन्हें रसेल की बहन एलिजाबेथ के उनके प्रयासों में सहायता मिली है, जो महसूस करते हैं कि उनके भाई ने ग्रामीणों से दुर्व्यवहार किया था। उन्हें खेल के नियम सिखाती है। जिसके बाद मैच होता है और ये मैच गांववालें जीत जाते हैं और उनका लगान माफ हो जाता है।
दिल बोले हडिप्पा (2009)
आज के समय में वूमन इंडियन क्रिकेट टीम है जो अपने खेल से इंडिया का नाम रोशन कर रही है। इस फिल्म में एक ऐसी ही खिलाड़ी है जो इंडिया के लिए क्रिकेट खेलना चाहती है लेकिन उसके पास कोई भी स्कोप नहीं है इसलिए वो मेन्स टीम का हिस्सा बनकर गेम खेलती है, और मैच को अपने पाले में कर लेती है।
इस फिल्म में शाहिद और रानी मेन लीड में दिखाई दिए हैं। कहानी में कुछ शो-शाह नहीं किया है। लोगों को क्रिकेट से कितना प्यार है इसपर ध्यान दिया गया है।
इकबाल (2005)
इकबाल (श्रेयस तलपड़े) एक बहरा और मूक लड़का है, जो भारत के लिए क्रिकेट खेलने का सपना देखता है। लेकिन उसके पिता चाहते हैं कि वो किसान बने।
लेकिन क्रिकेट का जुनून इकबाल को क्रिकेट की ओर ही धकेलता है। क्रिकेट अकादमी द्वारा बाहर निकाल दिए जाने के बाद, उनकी बहन खदीजा (श्वेता प्रसाद) स्थानीय पूर्व क्रिकेट खिलाड़ी मोहित (नसीरुद्दीन शाह) के पास जाती हैं और मदद मांगती हैं। वो मान जाते हैं और उसे क्रिकेट सिखाते हैं, लेकिन हैदराबाद रणजी ट्रॉफी में इकबाल को बाहर का रास्ता दिखा दिया जाता है, कहते हैं ना मेहनत करते को फल की इच्छा मत करों आखिरकार उसे आंध्र प्रदेश टीम में जगह मिल जाती है और वो अपना प्रदर्शन नए स्तर पर ले जाता है।
चेन कुली की मुख्य कुली (2007)
यह फिल्म एक 13 साल के बच्चे करण के बारे में है, जो एक अनाथालय में रहता है, और क्रिकेट खेलने की चाहत रखता है। जिस मौके की वो तलाश करता है वो उसे बहुत जल्द मिल ही जाता है।
कहानी में कपिल देव के 1983 विश्वकप की बातों को भी बताया गया है क्योंकि करण कपिल देव का बहुत बड़ा फैन जो होता है। उसे एक दिन मैजिक बल्ले मिलता है जिसपर कपिल देव का साइन होता है। वो अपने सारे मैच उसी बल्ले से खेलता है, और लगातार हार रही इंडियन टीम को जीत दिलाता।