नई दिल्ली। बात हो रही है वेस्टइंडीज के सबसे सफल कप्तानों में शुमार क्लाइव लॉयड की। आज वे 73 साल के हो गए। साढ़े छह फुट लंबे, बड़ी मूंछ और चेहरे पर मोटा चश्मा यह उनकी पहचान थी। मोटा चश्मा लगाना उनका शोख नहीं बल्कि मजबूरी थी। दरअसल स्कूल के दिनों में 12 साल की उम्र में एक बच्चे से झगड़े के कारण चोट लगने से उनकी आंख खराब हो गई थी।
उन्होंने क्रिकेट विश्व में रॉबर्ट्स, मार्शल, गार्नर, होल्डिंग और क्रॉफ्ट जैसी पेस बैटरी के अलावा ग्रीनिज, हेंस और रिचर्ड्स जैसे बल्लेबाज के बूते तहलका मचा दिया था। लगातार जीतने के दृढ़ संकल्प के साथ जोश से भरे लॉयड ने अलग-अलग द्वीपीय देशों से आए खिलाड़ियों से बनी वेस्टइंडीज नाम की टीम को एकजुट किया और दृढ़ संकल्प के साथ एकता का भाव रखा।
1975-76 तक 110 में से 74 टेस्ट मैचों में वेस्टइंडीज की कमान संभालने वाले क्लाइव लॉयड के लिए ऑस्ट्रेलियाई दौरा एक कप्तान के तौर पर टर्निंग प्वाइंट साबित हुआ। दरअसल, तब जैफ थॉमसन और डेनिस लिली जैसे खूंखार गेंदबाजों ने टेस्ट सीरीज में 5-1 से कैरेबियाई टीम को करारी शिकस्त दी थी। इसके बाद उन्होंने टीम में एक नया जोश भरा ।
कप्तान के तौर पर लॉयड (1974-1985)
74 टेस्ट, 36 जीते, 12 हारे, 26 ड्रॉ
18 सीरीज, 14 में जीत, 2 हारे, 2 ड्रॉ
बिना हार के लगातार सर्वाधिक टेस्ट
27 टेस्ट : वेस्टइंडीज (जनवरी 1982-दिसंबर 1984)
26 टेस्ट : इंग्लैंड (जनवरी 1968- अगस्त 1971)
25 टेस्ट: ऑस्ट्रेलिया (मार्च 1946-फरवरी 1951)