नई दिल्ली। भारतीय महिला हॉकी टीम का नाम जैसे ही सामने आता है दिलों, दिमाग में एक गाना बजना शुरू हो जाता है चक दे… ओ चक दे इंडिया। शाहरूख खान और उनकी चक दे टीम।
सोजरद मारिजने की भारतीय हॉकी टीम ने कुछ ऐसा ही… चक दे वाला काम कर दिखाया कॉन्सेजो सुपीरियर डी डेपोर्ट हॉकी स्टेडियम में जहां उन्होंने स्पेन के साथ खेले गए दूसरे मुकाबले को 1-1 से ड्रॉ कर दिया। यह दो हिस्सों का एक मैच था। मेजबान स्पेन ने पहले दो क्वार्टर में मैच पर काफी अच्छी पकड़ बनाए रखी… लेकिन हमारी छोरियां किसी से कम है के वो भी ईट का जवाब पत्थर से देना जानती हैं। भारतीय टीम ने बाद के दो क्वार्टर में बेहद शानदार वापसी की।
मैच में खाता खोला स्पेन की बर्टा बोनस्ट्रे (14′) ने लेकिन भारत की अनुपा बरला ने 54 वें मिनट में स्कोर बराबर कर दिया। भले ही वो ये मुकाबला जीते ना हो लेकिन उन्होंने अपनी राइवल टीम को आगे भी बढ़ने का मौका नहीं दिया.. ऐसी धाकड़ है… धाकड़ है… ऐसी धाकड़ है… मैच ड्रा हो गया।
शुरुआत में दोनों टीमों ने मिडफील्ड पर कब्जा करने के लिए मौके की तलाश की। ये तलाश 14 वें मिनट में कामयाब रही। विश्व नंबर 10 भारत ने पहले ब्रेक के बाद अच्छी शुरुआत की, लेकिन इसका कोई फायदा नहीं हुआ। भारतीय मिडफील्ड ने यह सुनिश्चित किया कि मेजबानों पर इतना दबाव डाला जाए कि वो गेम खेलते-खेलते परेशान हो जाए। लेकिन कहते हैं ना समय से पहले और किसमत से ज्यादा किसी को नहीं मिलता।
भारत ने दूसरे ब्रेक के बाद स्पेन पर दबाव बनाना और हमला करना और भी तेज कर दिया। भारतीय टीम किसी भी हालत में मेजबान टीम को आगे नहीं निकलने देना चाहती थी। इसलिए वो हर कदम पर मजबूत बनी रही। भारत के चीफ कोच सोजरद मारिजने ने गोलकीपर सविता को चौथी तिमाही की शुरुआत में स्वाती के साथ बदल दिया। वर्ल्ड नं 10 टीम ने तीसरे ब्रेक के बाद आक्रामक हॉकी खेलना जारी रखा और मेजबानों पर लगातार दबाव डाला। भले ही मैच जीत नहीं पायी भारतीय महिलाएं, पर उन्होंने स्पेन को भी जीतने नहीं दिया। इस मैच में भूतपूर्व कप्तान सुशीला चानू ने अपने 150 मैच पूरे किये।